“मैं जगदीश चंद्र आर्य आपको अपना दुख सुनाता हूं. मेरे बेटे के पास बाढ़ड़ा में 30 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन उसके पास मुझे देने के लिए दो वक्त की रोटी नहीं हैं. मैं अपने छोटे बेटे के पास रहता था. 6 साल पहले उसकी मौत हो गई. कुछ दिन उसकी पत्नी ने साथ रखा, लेकिन बाद में उसने गलत काम करना शुरू कर दिया. मैंने विरोध किया तो पीटकर घर से निकाल दिया.”
यह एक आईएएस अधिकारी के दादा-दादी के सुसाइड नोट में लिखे शब्द हैं. इसे लिखने के बाद दंपति ने सहित जहर खाया था. पुलिस कंट्रोल रुम को फोन कर जहर खाने की बात कही थी. पुलिस जब दंपति के पास पहुंची तो दंपति ने एक लेटर थमा दिया था. उनकी हालत बिगड़ता देख पुलिस ने दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया. जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
दरअसल, मामला हरियाणा के चरखी-दादरी के बाढ़ड़ा की शिव कॉलोनी का है. मूल रूप से गोपी इलाके के रहने वाले 78 साल के जगदीश चंद्र आर्य और 77 साल की भागली देवी ने सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्या की. मृतक बुजुर्ग दंपति चरखी दादरी में आईएएस (IAS) विवेक आर्य के दादा-दादी थे. विवेक के पिता का नाम वीरेंद्र है. विवेक 2021 में आईएएस अधिकारी चुने गए थे. उन्हें हरियाणा कैडर मिला था और वह इस समय अंडर ट्रेनी हैं.
बताया गया कि 29 मार्च की रात को जगदीश चंद्र और उनकी पत्नी ने जहरीला पदार्थ खा लिया था फिर पुलिस कंट्रोल रूम को जानकारी दी थी. मौके पर पहुंची पुलिस टीम को दंपति ने सुसाइड नोट सौंपा था. हालत बिगड़ती देख पुलिस ने दंपति को निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. गंभीर हालत होते के चलते बुजुर्ग दंपति को दादरी सिविल अस्पताल रेफर कर दिया गया था. यहां पर उपचार के दौरान दोनों को मौत हो गई.
खाने को देते थे बासी खाना: पीड़ित बुजुर्ग
नोट में जगदीश चंद्र आर्य ने आगे लिखा, ”घर से निकाले जाने के बाद मैं दो साल तक अनाथ आश्रम में रहा. फिर वापस आया तो उन्होंने मकान को ताला लगा दिया. इस दौरान मेरी पत्नी लकवा का शिकार हो गई और हम दूसरे बेटे के पास रहने लगे. कुछ दिन बाद दूसरे बेटे ने भी साथ रखने से मना कर दिया और मुझे बासी खाना देना शुरू कर दिया है. ये मीठा जहर कितने दिन खाता, इसलिए मैंने सल्फास की गोली खा ली. मेरी मौत का कारण मेरी दो पुत्रवधू, एक बेटा और एक भतीजा है. जितने जुल्म उन चारों ने मेरे ऊपर किए, कोई भी संतान अपने माता-पिता पर न करे.”
आर्य समाज को दी जाए संपत्ति: जगदीश चंद्र आर्य
जगदीश चंद्र आर्य नोट में लिखा है कि मेरी बात सुनने वालों से प्रार्थना है कि इतना जुल्म मां-बाप पर नहीं करना चाहिए. सरकार और समाज इनको दंड दे. तब जाकर मेरी आत्मा को शांति मिलेगी. बैंक में मेरी दो एफडी और बाढ़ड़ा में दुकान है, वो आर्य समाज बाढ़ड़ा को दे दी जाएं.
यह है पुलिस का कहना
मामले में डीएसपी वीरेंद्र श्योराण ने बताया कि जगदीश चंद्र ने पुलिस को एक पत्र दिया था. इसे सुसाइड नोट माना जा सकता है. मृतकों ने परिवार के लोगों पर परेशान करने का आरोप लगाते हुए जहर खाकर आत्महत्या की है. वहीं, मृतक का पोता आईएएस है और फिलहाल ट्रेनी है. पुलिस ने इस संबंध में दोनों बहू, बेटा वीरेंद्र और भतीज के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.