नई दिल्ली। गैंगरेप केस में पीड़िता बिलकिस बानो ने 2002 के गोधरा दंगों के दौरान गैंगरेप और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या करने वाले 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई को चुनौती देते हुए आज सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की। इस दौरान बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट के मई के उस आदेश को चुनौती देते हुए एक समीक्षा याचिका भी दायर की जिसमें गुजरात सरकार को 1992 की छूट नीति के लिए आवेदन करने की अनुमति दी गई थी। इस मामले को सूचीबद्ध करने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष उल्लेख किया गया था। CJI ने कहा कि वह तय करेंगे कि क्या दोनों याचिकाओं को एक साथ और एक ही पीठ के समक्ष सुना जा सकता है। गैंगरेप मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे इन ग्यारह दोषियों ने गुजरात सरकार के सामने रिहाई की अपील की थी। गुजरात सरकार के पैनल ने उनके आवेदन को मंजूरी दी थी। जिसके बाद 15 अगस्त को उन्हें गोधरा उप-जेल से रिहा कर दिया गया था। दोषियों में से एक राधेश्याम शाह के सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद गुजरात सरकार ने समय से पहले रिहाई की नीति के तहत दोषियों को रिहा कर दिया था।
Smita Chouhan
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