नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में दोनों सदनों में जमकर हंगामा देखने को मिल रहा है। एक तरफ जहां विपक्ष भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर बहस करने की मांग कर रहा है। वहीं आज लोकसभा में देश में नशीली दवाओं के खिलाफ केंद्र सरकार के कदमों पर चर्चा हुई। जिसके बाद नशीली दवाओं के खिलाफ भारत सरकार के कदमों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया। अमित शाह ने कहा, आजादी के अमृत महोत्सव में पीएम मोदी ने नशा मुक्त भारत का संकल्प देश के सामने रखा है। जब ये सरकार बनी है तब से गंभीरता पूर्वक इस विषय पर ढेर सारी कार्रवाई भी हुई है। अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार की ड्रग्स के कारोबार पर और उसके मुनाफे पर आतंकवाद के वित्तपोषण पर जीरो टॉलरेंस की नीति है और हम सख्ती से जीरो तक ले जाने का प्रयास कर रहे हैं।
Amit Shah in Lok Sabha at his Best
People in school & colleges are more discipline than in parliament- we need to change this culture pic.twitter.com/5V6Gy2R8fX
— CA Chirag Chauhan (@CAChirag) December 21, 2022
इसी बीच जब अमित शाह लोकसभा में जवाब दे रहे थे, तभी तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय बीच में कुछ बोल देते और टोका-टाकी कर देते थे। जिसके बाद गृह मंत्री को गुस्सा आ जाता है। अमित शाह टीएमसी सांसद रॉय पर तंज कसते हुए कहते है कि दादा आपको भाषण देना है, तो मैं 10 मिनट बैठ जाता हूं। इतने सीनियर सांसद होकर बीच में टोका-टाकी करना आपकी उम्र के लिए अच्छा नहीं है। इतना ही नहीं अमित शाह बीच में बहस छोड़कर बैठ भी जाते है।
NCB पूरे देश में जांच कर सकती है यदि अंतर-राज्यीय जांच करने की आवश्यकता है तो NCB प्रत्येक राज्य की मदद करने के लिए तैयार है। यहां तक कि NIA भी राज्यों की मदद कर सकती है यदि जांच देश के बाहर की जानी है: नशीले पदार्थों के खतरे के मुद्दे पर
लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह pic.twitter.com/cHWuMmQZfc— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 21, 2022
इसके बाद लोकसभा में टीएमसी सांसद सौगत रॉय कहते है आप इतने क्रोधित क्यों हो जाते हो। जिस पर गृह मंत्री अमित शाह हंसकर जवाब देते है कि मैं क्रोधित नहीं हो रहा हूं। कई बार बड़ों को भी समझना पड़ता है। इसके सदन में मौजूद सभी सांसद जोर-जोर से हंसने लगते है। अमित शाह ने आगे कहा कि NCB पूरे देश में जांच कर सकती है यदि अंतर-राज्यीय जांच करने की आवश्यकता है तो NCB प्रत्येक राज्य की मदद करने के लिए तैयार है। यहां तक कि NIA भी राज्यों की मदद कर सकती है यदि जांच देश के बाहर की जानी है।