देहरादून,10अक्टूबर
उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा की हत्या करने की षड्यंत्र का प्रकरण सामने आते ही उत्तराखंड की राजनीति में हड़कंप मच गया है। ऐसे में भले ही साजिशकर्ता गिरफ्तार हो गए हो। लेकिन मंत्री की सुरक्षा को लेकर पुलिस महकमे और गृह विभाग का रवैया सवालों के घेरे में हैं।
मामला 5 तारीख का हैं जब मंत्री सौरभ बहुगुणा को उनके शुभचिंतक ने इस मामले की जानकारी दी। और मंत्री ने सीएम से इस बारे में आग्रह किया। सीएम धामी के निर्देश के बाद आरोपियों की धर पकड़ शुरू हो गई। जिसमे शूटर में से केवल एक पकड़ा गया अभी भी तीन पकडे नहीं गए हैं।
मामला 5 तारीख का था और सबके संज्ञान में आ गया था। लेकिन उसके बावजूद मंत्री सौरभ बहुगुणा की सुरक्षा नहीं बढ़ाई गई। यहाँ तक की गृह विभाग के अधिकारियो के साथ साथ पुलिस महकमे पर भी सवाल खडे उठते हैं कि पलटकर मंत्री को फोन करने की जहमत नहीं उठाई।
वही आज 10 तारीख को यानि मामला पता लगने के पांच दिन बाद जाकर आईजी इंटेलिजेन्स मंत्री से मिलने पहुंचे। वो भी मंत्री के बुलाने के बाद ऐसे में मंत्री की सुरक्षा को लेकर गंभीरता समझी जा सकती हैं। मामला मीडिया में आने के बाद मंत्री के आवास कार्यालय के गेट पर मेंटल डिटेक्टर, एक गनर और 2 एलआईयू के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई। लेकिन ये भी तब सुरक्षा मिली जब खुद मंत्री ने नाराजगी जताई।
साफ हैं ये मामला फ़र्ज़ी नहीं हैं ये साबित हो चुका हैं। और पुलिस ने अपराधियों को पकड़ा भी हैं। जबकि सितारगंज में इससे पहले भी ऐसी घटनाये हो चुकी हैं।
बड़ा सवाल ये हैं कि क्या हमारी पुलिस ये मानती हैं कि उत्तराखंड जैसे राज्य में ऐसी घटना नहीं हो सकती पुलिस का रवैया देखकर तो ऐसा ही लग रहा हैं खुद कैबिनेट मंत्री इस मामले में खासे नाराज हैं साफ हैं अगर सरकार के मंत्री को सुरक्षा देने में विभाग अभी तक सक्रिय नहीं हैं तो भी जनता को कैसे सुरक्षा दी जा सकेगी
के मिली जानकारी के अनुसार हीरा सिंह सितारगंज में मंत्री से एक पहले ही आधे घंटे मिलकर बातें करता रहा लगता हैं रेकी करने आया होगा वही मंत्री का 2 तारीख को सितारगंज जाने का कार्यक्रम होना और सतनाम को एक दिन पहले ही 21 दिन की पेरोल मिलना कई सवाल खडे होते हैं
ये था मामला : – सितारगंज कोतवाली में केबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा की हत्या की साजिश करने के मामले में चार आरोपियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
कोतवाली पुलिस को दी गई प्राथमिकी में कहा गया कि हीरा
सिंह पुत्र चम्बाराम निवासी कोटाफार्म सिसौना थाना सितारगंज जो थाना सितारगंज से पूर्व में गेहू चोरी के मामले में जेल गया था तथा उक्त व्यक्ति अवैध रूप से खनन का कार्य भी करता है। हीरा सिह गेहू चोरी वाले मामले में स्वयं को जेल भिजवाने का वेवजह कैबिनेट मन्त्री मंत्री पशु पालन डेरी, मत्त्य विभाग व प्रोटोकोल उत्तराखण्ड सरकार सौरभ बहुगुणा को दोषी मानता है व मंत्री से रंजिश रखता है। उसके द्वारा जेल में रहने के दौरान सतनाम सिंह पुत्र बलविन्दर सिंह निवासी सिरसाफार्म थाना बहेडी जो थाना किच्छा से अफीम के मामले में जेल गया था, को अपनी घटना बताकर कि मंन्त्री सौरभ बहुगुणा ने मुझे जेल भिजवाया है, उनको मारना है चाहे जितना रूपया खर्चा हो जाय।
तब सतनाम सिंह अपने दोस्त मो.अजीज उर्फ गुड्डू निवासी किच्छा का नाम लेकर कहता था कि वह बड़ा अपराधी है उसके सम्बन्ध उत्तरप्रदेश के शूटरो के साथ है वह उनसे बात कर लेगा व काम करा देगा। जब तुम बाहर निकलोगे तो हरभजन सिह तुम्हे गुड्डु से मिलवा देगा। इस प्रकार हीरा सिह मंत्री की हत्या करने हेतु षडयंत्र कर रहा था। यह बात की जानकारी मंत्री के साथियो को जब मिली तो उन्होंने जानकारी जुटानी शुरू कर दी, जब से हीरा सिह जेल से छूटा तब से उस पर नजर रखते थे इस बीच जब मंत्री सितारगंज में 02 अक्टूबर को आये थे उनके विधानसभा भ्रमण के मध्य कुछ स्थानों पर उसे देखा पुलिस को दी तहरीर में मंत्री के सितारगंज प्रतिनिधि उमाशंकर ने कहा की मेरे साथी लोग जो मन्त्री के पास काम करते है वे उस पर नजर रख रहे थे।
इस दौरान मुझे जानकारी हुई कि सतनाम सिंह पैरोल पर आया है। हीरा सिह उससे मिल रहा है तथा हीरा सिह ने सतनाम सिह व उसके दोस्त हरभजन सिह तथा एक अन्य व्यक्ति मो.अजीज उर्फ गुड्डू निवासी किच्छा जिसके उत्तर प्रदेश में अपराधियो से सम्पर्क है, के साथ मिलकर अपने षडयन्त्र को अन्तिम रूप देने की योजना बना रहे है। तत्काल उनको गिरफ्तार नही किया गया तो वह कोई अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते है व इनके साथ अन्य लोग भी षडयन्त्र में शामिल हो सकते है। अब पुलिस ने हीरा सिह, सतनाम सिंह, हरभजन सिहं व मो0 अजीज उर्फ गुड्डु के खिलाफ विभिन्न धाराओं में वाद पंजीकृत कर लिया है।