देहरादून,29अक्टूबर
केदारनाथ धाम के गर्भगृह में फोटो खींचना वर्जित है। लेकिन इन दिनों बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय की मंदिर के गर्भगृह में निरिक्षण करने की एक फोटो वायरल हो रही है।
जिस पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए है। कांग्रेस के अनुसार केदारनाथ धाम के गर्भगृह में किसी भी प्रकार की फोटो खींचना प्रबंधित है।
वही बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष द्वारा स्वयं को मंदिर व परंपराओं से ऊपर दिखाने की कोशिश करते हुए खुलेआम गर्भ गृह में सोने की परत चढ़ी फोटो को वायरल किया जा रहा है। जो सरासर केदारनाथ की परंपराओं के विपरीत है।
वही ये भी कहा जा रहा हैं कि केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष की केदारनाथ गर्भगृह फोटो वायरल होने का असली कारण सामने आ रहा है। बाबा केदारनाथ धाम में पहली बार लंबे समय से जमे कर्मियों अफसरों को ट्रांसफर के जरिए हिलाने वाले समिति अध्यक्ष विवादों में बनाए गए है। कुछ लोगो की मठाधीशी को अजेंद्र अजय ने चलता कर दिया है। जिसका परिणाम सोशल मीडिया पर वायरल हो रही बीकेटीसी अध्यक्ष की फोटो के रूप में सामने है।
मंदिर में निरीक्षण के समय किसी कर्मी के चुपके से फोटो ली है। क्योंकि कपाट बंद होने के बाद ये फोटो वायरल की गई है। जबकि फोटो में साफ देखा जा सकता है।कि बीकेटीसी अध्यक्ष गर्भगृह का निरीक्षण कर रहे है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय लगातार बेहतर चारधाम यात्रा पर राज्य के मुखिया पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देश पर काम कर रहे है। चारधाम यात्रा पर श्रद्धालुओं की संख्या में भी इस साल रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी हुई है। और यात्रा मार्गों पर काम करने वाले स्वयं सहायता समूह से लेकर स्थानीय लोगों को भी रोजगार के बेहतर साधन उपलब्ध हो पाए हैं। और उनकी इनकम में भी बढ़ोतरी हुई है। जो आत्मनिर्भरता के रूप में एक बड़ी मिसाल है।
चारधाम की यात्रा पर बेहतर काम करने के साथ-साथ यात्रा मार्गों पर डांडी कांडी से लेकर तमाम छोटे व्यवसाई अपने को आत्मनिर्भर बनाने की नई कहानी का सूत्रपात करते हुए देखे गए हैं। चारधाम यात्रा पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने जहां दर्शन करते हुए। धार्मिक आस्था के पथ को मजबूत किया है। तो वही अर्थव्यवस्था के रूप में राज्य सरकार को भी बेहतर आमदनी प्राप्त हुई है। यह पहला अवसर है जब इतनी बड़ी धन राशि के रूप में राज्य सरकार को चारधाम की यात्रा से इनकम प्राप्त हुई है। ऐसे तमाम कई विषय हैं जो चारधाम की यात्रा से जुड़े हुए सामने आए हैं। करोना काल के बाद पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में लोगों की तादाद चारधाम की यात्रा पर पहुंची। और आत्मनिर्भरता की कहानी से छोटे व्यवसाई अपने को मजबूत कर पाए है।