नई दिल्ली. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, शशि थरूर और कार्ति चिदंबरम ने पार्टी अध्यक्ष के चुनाव से जुड़ी निर्वाचक मंडल (डेलीगेट) की सूची सार्वजनिक नहीं किये जाने पर वस्तुत: सवाल खड़े करते हुए बुधवार को कहा कि चुनाव से संबंधित पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए. तिवारी ने कहा कि निर्वाचक मंडल की सूची पार्टी की वेबसाइट पर डाली जाए. दूसरी तरफ, कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में कहा कि पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव से जुड़ी पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और कांग्रेस के संविधान के मुताबिक है तथा निर्वाचक मंडल की सूची को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, लेकिन उम्मीदवारों को यह उपलब्ध करा दी जाएगी.
लोकसभा सदस्य तिवारी ने ट्वीट किया, ‘मधुसूदन मिस्त्री जी से पूरे सम्मान से पूछना चाहता हूं कि निर्वाचन सूची के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हुए बिना निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कैसे हो सकता है? निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव का आधार यही है कि प्रतिनिधियों के नाम और पते कांग्रेस पार्टी की वेबसाइट पर पारदर्शी तरीके से प्रकाशित होने चाहिए.’ कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह में शामिल रहे तिवारी ने कहा, ‘‘यह 28 प्रदेश कांग्रेस कमेटी और आठ क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी का चुनाव नहीं है. कोई क्यों पीसीसी के कार्यालय जाकर पता करे कि प्रतिनिधि कौन हैं? सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि ऐसा क्लब के चुनाव में भी नहीं होता.
तिवारी ने कहा कि अगर कोई चुनाव लड़ना चाहता है और यह नहीं जानता कि प्रतिनिधि कौन हैं तो वह नामांकन कैसे करेगा क्योंकि उसे 10 कांग्रेस प्रतिनिधियों की बतौर प्रस्तावक जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि 10 प्रस्तावक नहीं होंगे तो नामांकन खारिज हो जाएगा. उधर, कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के बारे में विचार कर रहे पार्टी सांसद शशि शरूर ने तिवारी से सहमति जताते हुए कहा कि हर किसी को पता होना चाहिए कि कौन मतदान कर सकता है. उन्होंने तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि निर्वाचन सूची को लेकर पारदर्शिता होनी चाहिए. अगर मनीष ने इसके लिए पूछा है तो मुझे भरोसा है कि हर कोई इससे सहमत होगा. हर किसी को जानना चाहिए कि कौन नामित कर सकता है और कौन मतदान कर सकता है.’’
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने भी तिवारी की राय का समर्थन किया और कहा कि हर चुनाव के लिए अच्छी तरह से परिभाषित निर्वाचक मंडल होना चाहिए. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हर चुनाव में सही ढंग से परिभाषित और स्पष्ट निर्वाचक मंडल होना चाहिए. निर्वाचक मंडल तय करने की प्रक्रिया भी स्पष्ट, सही ढंग से परिभाषित और पारदर्शी होनी चाहिए. अनौपचारिक निर्वाचक मंडल कोई निर्वाचक मंडल नहीं होता.’’ कार्ति चिदंबरम ने कहा, ‘‘हर क्षेत्र में प्राइमरी होनी चाहिए, लेकिन इसके लिए परिभाषित और पारदर्शी सदस्य सूची जरूरी है. आज हम सदस्यों की संख्या का दावा करते हैं, लेकिन किसी ने इसे सत्यापित नहीं किया है.