झारखंड में सियासी उठापटक के बीच शनिवार को सीएम हाउस में महागठबंधन के विधायकों की बैठक खत्म हो गई है। 3 लग्जरी बसों से विधायकों को सीएम हाउस से कहीं और शिफ्ट किया जा रहा है। बसों में कांग्रेस और JMM के विधायक सवार हैं। तीनों बसों को पुलिस सुरक्षा में ले जाया जा रहा है। पीछे से सीएम हेमंत सोरेन का काफिला भी चल रहा है। बसें अभी खूंटी की ओर जा रही हैं। बताया जा रहा है कि विधायकों को छत्तीसगढ़ शिफ्ट किया जाएगा।
इधर, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि इस बसों में केवल 33 विधायक जा रहे हैं। 10-11 विधायक अभी भी संपर्क में नहीं हैं। झारखंड कांग्रेस ने रात साढ़े 8 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है। प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे की अध्यक्षता में ये बैठक होगी।
राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि झारखंड में ऑपरेशन लोटस चलता रहता है। अभी महाराष्ट्र में हुआ है, दिल्ली में कोशिश की गई। बिहार में भी कोशिश की गई। कई जगहों पर इन्होंने कोशिश की, इसलिए सावधानी बरतते हुए सब लोग इकट्ठे हैं।
इधर, CM हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द करने का नोटिफिकेशन शनिवार को किसी भी समय चुनाव आयोग की तरफ से जारी किया जा सकता है। राज्यपाल रमेश बैस ने CM हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द कर दी है। चुनाव आयोग (EC) की ओर से भेजी गई अनुशंसा पर के बाद उन्होंने ये कार्रवाई की है।
झारखंड सरकार को गिराने की 2 बार हो चुकी है साजिश
21 जुलाई 2021 को भी झारखंड सरकार को गिराने की कोशिश की गई थी। इस मामले में तब 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। तब पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया था कि साजिश में प्रदेश के 3 विधायक, 2 पत्रकार और दलाल शामिल थे। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली में तीनों विधायकों से रुपए के लेनदेन की बात हुई थी।
30 जुलाई 2022 को 45 लाख कैश के साथ कांग्रेस के तीन विधायक को हावड़ा में गिरफ्तार किया गया था। इनके खिलाफ कांग्रेस के ही विधायक अनूप सिंह ने कांग्रेस के तीनों विधायकों के खिलाफ थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई और यह भी कहा है कि तीनों विधायकों ने उनसे संपर्क किया था। 10 करोड़ रुपए और मंत्री पद का ऑफर झारखंड सरकार को गिराने के लिए दिया था।
इधर, BJP का दावा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ केस दर्ज करने की भी तैयारी है। BJP का कहना है कि अगर उनकी विधायकी जाती है तो उनके ऊपर केस दर्ज करने पर भी फैसला हो सकता है। वहीं, इस बीच CM हेमंत सोरेन ने पूरे घटनाक्रम पर करारा जवाब दिया है। शुक्रवार देर रात ट्वीट कर उन्होंने कहा है, ”सरकारी कुर्सी के भूखे हम लोग नहीं है। बस एक संवैधानिक व्यवस्था की वजह से आज हमें रहना पड़ता है, क्योंकि उसी के माध्यम से हम जन-कल्याण के काम करते हैं।”
नोटिफिकेशन जारी होने के बाद CM दे सकते हैं अपना इस्तीफा
इस मामले में निर्वाचन आयोग की अधिसूचना जारी होने के बाद गवर्नर, CM हेमंत सोरेन को अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कह सकते हैं। साथ ही झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रविन्द्रनाथ महतो को भी निर्वाचन आयोग की अधिसूचना से अवगत कराया जा सकता है।
सोरेन की सदस्यता जाने के बाद गवर्नर राज्य के सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का न्यौता देंगे। संख्या बल के अनुसार फिलहाल JMM अभी झारखंड विधानसभा में सबसे बड़ा दल है। ऐसे में नियम के अनुसार गवर्नर को सरकार बनाने का पहला मौका JMM को ही मिलेगा।
हालात के मद्देनजर JMM ने पहले ही सभी विधायकों का हस्ताक्षर समर्थन पत्र पर करवा लिया है। JMM और कांग्रेस दोनों पार्टियों के विधायकों से ये दस्तखत करवाए गए हैं। JMM सूत्रों की मानें तो 42 विधायकों का समर्थन पत्र बनकर पहले से तैयार कर लिया गया है।
CM के चुनाव नहीं लड़ने पर जारी है सस्पेंस
इस बीच CM को एक तय समय तक चुनाव नहीं लड़ने के सवाल पर सस्पेंस जारी है। राजभवन के सूत्रों की मानें तो राज्यपाल ने फिलहाल CM की विधायकी रद्द की है। डिबार करने संबंधी कोई बाद सामने नहीं आया है। ऐसे में अगर केवल CM की विधायकी जाती है तो वे इस्तीफा देने के बाद तुरंत विधायक दल के नेता चुने जाएंगे और राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। हालांकि, ये सब नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
CM ने कहा- झारखंड के अंदर बाहरी ताकतों का गिरोह सक्रिय
एक अन्य ट्विट में CM हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के अंदर बाहरी ताकतों का गिरोह सक्रिय है। इस गिरोह ने पिछले 20 वर्षों से राज्य को तहस-नहस करने का संकल्प लिया था। जब उन्हें 2019 में उखाड़ कर फेंका गया तो उन षड्यंत्रकारियों को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा कि अगर हम यहाँ टिक गए तो उनका आने वाला समय मुश्किल भरा होने वाला है। राजनैतिक तौर पर सक नहीं पा रहे हैं तो संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं।