पटना. जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की जदयू को बचाने के लिए बैठक का दूसरे दिन बिहार की राजनीति के नजरिये से बड़े उलटफेर की संभावना बनती दिख रही है. उपेंद्र कुशवाहा की बैठक में नयी पार्टी के गठन का राजनीतिक प्रस्ताव लाया गया और वह पारित भी हो गया. इसके साथ ही उपेंद्र कुशवाहा को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव भी पारित हुआ है. उनको पार्टी के नाम, झंडा और कई जिम्मेदारियों के लिए अधिकृत किया गया है.
इस बैठक में कुशवाहा समाज की भारी भागीदारी दिख रही है. उपेंद्र कुशवाहा पटना में जेडीयू कार्यकर्ताओं के साथ दो दिवसीय बैठक कर रहे हैं. बैठक के पहले दिन कुशवाहा ने कार्यकताओं के संग मिलकर आगे की रणनीति पर चर्चा की. वहीं, संभावना है कि आज दूसरे दिन की बैठक के बाद प्रेस वार्ता में उपेंद्र कुशवाहा कुछ बड़ी घोषणा कर सकते हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के तेजश्वी यादव को विरासत सौंपने की बात को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी का नाम लिये बगैर कहा विरासत उनको सौंपने का फैसला भविष्य को बर्बाद करने वाला है. हमने सीएम से पार्टी मीटिंग और विधायक दल की बैठक में कहा कि पार्टी का जनाधार खिसक रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री ने ध्यान नहीं दिया.
कुशवाहा ने आगे कहा, हमने आगाह किया था कि जनता दल युनाइटेड बर्बाद हो जाएगा, लेकिन दो साल में उनकी तरफ से कोई पहल नहीं हुई. दो साल तक दमघोटन स्थिति थी, लेकिन हमने सब झेला. अब जब विरासत उन्हीं को सौंपने का फैसला लिया तो लगा को यह केवल व्यक्तिगत मान-अपमान की बात नहीं. हमने पार्टी के प्रमुख साथियों से परामर्श किया. सबकी जो भावना सामने आयी तो लगा कि एक बार सभी साथियों से विमर्श कर लें.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, मुख्यमंत्री जी से हमने आम जनता और लोगों के हित की बात कही. शुरुआती दौर में ठीक था, लेकिन बाद में सब गड़बड़ लगा. नीतीश कुमार को अपने घर विरासत संभालने वाला नहीं मिला, तो उन्हें पड़ोसी के घर में विरासत संभालनेवाला वाला दिखा. कुशवाहा ने कहा आप सबने जो जबाबदेही दी है उसको निभाउंगा.
उपेंद्र कुशवाहा ने आगे कहा कि जदयू पहले इसलिए नहीं छोड़ा कि हक मांगता था, लेकिन अब आपने सारी चीजें किसी को गिरवी रख दीं हैं तो अब क्या मांगना. अब जनता की अदालत से हिस्सा लेंगे. सवर्ण जाति के लोगों को भी उनका हिस्सा मिलेगा. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा नई पार्टी की जरूरत इसलिए आन पड़ी क्योंकि जदयू अब खत्म होनेवाला है.