नई दिल्ली. हाल ही में इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (ISRO National Remote Sensing Centre) द्वारा एक रिपोर्ट जारी किया गया है, जिसमें बताया गया है कि भारत में एक दशक के भीतर नाइट टाइम लाइट्स (ISRO NTL Report) में 43 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. न्यूज18 के मुताबिक दो वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने कहा कि नाइट टाइम लाइट्स की वृद्धि में तीन प्रमुख कारण हो सकते हैं, जिनमें सौभाग्य योजना, उज्जवला योजना और राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण शामिल हैं. दुनिया भर के क्षेत्रों के आर्थिक विकास को ट्रैक करने के लिए अर्थशास्त्रियों द्वारा नाइट लाइट का उपयोग किया जाता है.
सौभाग्य योजना से NTL में हुई वृद्धि
नाइट टाइम लाइट में बढ़ोत्तरी होने पर ये सवाल लाजिम है कि क्या सौभाग्य योजना के तहत 2017 से भारत में लगभग तीन करोड़ घरों का विद्युतीकरण और 2014 से लगभग 50,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण ने पिछले एक दशक में भारत में नाइट टाइम लाइट्स की वृद्धि में योगदान दिया है? एनआरएससी की रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने साल 2012 से 2021 तक राष्ट्रीय स्तर और जिला स्तर पर लाइट में आए बदलाव को लेकर एक गहन स्टडी की है.
बिहार में तेजी से हुई बढ़ोत्तरी
इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) द्वारा जारी एनटीएल एटलस के मुताबिक, पिछले एक दशक में कुछ राज्यों में नाइट टाइम लाइट में 400 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई है. बड़े राज्यों में नाइट टाइम लाइट में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई थी. बिहार (8.36% से 47.97%), उत्तर प्रदेश (26.96% से 43.5%), गुजरात (20.69% से 32.68%), मध्य प्रदेश (8.99% से 14.95%), मणिपुर, केरल और लद्दाख में 2012 में 17.53% से बढ़कर 2021 में 22.96% हो गई.
योजनाओं का प्रभाव?
मोदी सरकार ने अक्टूबर 2017 में प्रधान मंत्री सहज बिजली हर घर योजना – ‘सौभाग्य’ लॉन्च की थी, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सभी अविद्युतीकृत घरों और शहरी क्षेत्रों में सभी गरीब परिवारों को बिजली कनेक्शन प्रदान करना था. 31 मार्च, 2021 तक सौभाग्य योजना के लॉन्च के बाद से देश के सभी घरों को राज्यों द्वारा विद्युतीकृत किया गया है, जिसमें 2.8 करोड़ घरों का विद्युतीकरण किया गया है.
वहीं साल 2014-15 से देश में राष्ट्रीय राजमार्गों का रिकॉर्ड निर्माण भारत की उच्च चमक का एक और कारण हो सकता है. भारत में अब कुल 63.73 लाख किलोमीटर का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा राजमार्ग नेटवर्क है. जबकि भारत में कुल राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई 2014-15 में 97,830 किमी थी, वर्तमान में यह लगभग 1.45 लाख किमी है, जिसमें राजमार्ग अब लगभग 29 किमी प्रतिदिन बनाए जा रहे हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2014 में यह गति 12 किमी/दिन थी.