प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों का रेस्क्यू जल्द से जल्द कर लिया जाए। इसी को लेकर पीएमओ से सीनियर अफसरों की एक पांच सदस्यीय टीम सिलक्यारा पहुंची है। पीएमओ की टीम ने टनल वाले क्षेत्र का हर तरफ से निरीक्षण किया है। इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सका है कि टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए पहाड़ के ऊपर से ड्रिलिंग की जाए। पीएमओ दिल्ली से उत्तरकाशी के सिलक्यारा पहुंची पांच सदस्यीय टीम ने आज हादसा स्थल का हर कोण से जायजा लिया। टीम हर उस संभावना को तलाश रही है कि कहां से ड्रिल करके टनल के अंदर फंसे मजदूरों तक जल्दी पहुंचा जा सकता है।
पीएमओ से सिलक्यारा टनल आए जियोलॉजिस्ट इंजीनियर वरुण अधिकारी ने कहा कि ‘हम लोग ये एक्सप्लोर कर रहे हैं कि रेस्क्यू में क्या-क्या संभावनाएं हैं। हम इस पर डिस्कस कर रहे हैं। सब मिलकर जिस नतीजे पर निकलेंगे उसी पर फिर काम करेंगे। प्रधानमंत्री पल-पल का अपडेट ले रहे हैं। पीएमओ में डिप्टी सचिव भास्कर खुल्बे ने कहा कि जितने रास्ते हमारे लिए सुलभ हो सकते हैं उन सबको तलाश रहे हैं. हमारी प्राथमिकता सात दिन से टनल में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की है। हमारी प्राथमिकता है कि हम जितनी जल्दी टनल में फंसे लोगों के पास पहुंच सकते हैं वो कोशिश कर रहे हैं। विदेशी एजेंसियां जो हमारे देश में तकनीकी कार्यों में लगी हैं उन सब की भी मदद ली जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि जितनी जल्दी संभव है उतनी जल्दी रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा किया जाए। हम अभी रेस्क्यू पूरा करने का समय निर्धारित नहीं कर सकते हैं। लेकिन हम ये देख रहे हैं कि हम किस रास्ते टनल में फंसे लोगों के पास जल्दी पहुंच सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल्ली स्थित दफ्तर से 5 वरिष्ठ अधिकारी सिलक्यारा पहुंचे हैं। पीएमओ से आए अफसरों में पीएमओ के डिप्टी सचिव मंगेश घिल्डियाल, पीएमओ के जियोलॉजिस्ट इंजीनियर वरुण अधिकारी, पीएमओ के डिप्टी सचिव महमूद अहमद, पीएमओ के ओएसडी टूरिज्म भास्कर खुल्बे और एक्सपर्ट इंजीनियर अरमांडो कैपलैन शामिल है। ये टीम जल्द से जल्द सिलक्यारा टनल का रेस्क्यू पूरा करने की हर संभवाना को परख रही है।