इस्लामाबाद: पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा 3 अरब डॉलर से नीचे गिर गई है, जिससे उसे आर्थिक पतन से बचने के लिए वित्तीय सहायता और बेलआउट पैकेज की सख्त जरूरत है, लेकिन यह पैकेज उसे आसानी से नहीं मिल पा रहा है क्योंकि बेलआउट पैकेज पर आईएमएफ-पाकिस्तान की डील फेल हो गई है. IMF ने पाकिस्तान के सामने कड़ी शर्तें रखी हैं, जिसे वह मानने के लिए मजबूर है.
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आईएमएफ की एक टीम ने 10 दिनों के लिए इस्लामाबाद का दौरा किया. समझौता के दौरान पाकिस्तानी पक्ष का नेतृत्व वित्त मंत्री इशाक डार ने किया. 10 दिन तक IMF टीम पाकिस्तान में रही है, लेकिन दोनों पक्षों द्वारा हो रही चर्चाओं का कोई नतीजा नहीं निकला. वित्त मंत्री इशाक डार ने आईएमएफ मिशन प्रमुख से रक्षा बजट में कटौती’ की शर्तों को हटाने का अनुरोध किया, तभी IMF प्रमुख ने बातचीत रोक दी और समझौते पर हस्ताक्षर किए बिना पाकिस्तान छोड़ने का फैसला कर लिया. डार ने उनसे कहा कि सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर आधिकारिक यात्रा पर ब्रिटेन में हैं और सरकार को उनके साथ रक्षा बजट पर चर्चा करने के लिए कुछ समय चाहिए. IMF अपनी शर्तों को लेकर अड़ा रहा.
देश की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में है, भुगतान संतुलन संकट और विदेशी ऋण के उच्च स्तर से प्रभावित है. इस बीच, तीन फरवरी को पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 5.5 प्रतिशत या 17 करोड़ डॉलर घटकर 2.91 अरब डॉलर रह गया, जिसमें वाणिज्यिक बैंकों के 5.62 बिलियन डॉलर शामिल हैं. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी. लोकल डेली न्यूज ने बताया कि देश में कुल 8.54 अरब डॉलर का भंडार बचा है.