देहरादून/ हरिद्वार,
बीती 28 मार्च को सुबह उधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर में 2 बाइक सवार अज्ञात बदमाशों ने नानकमत्ता डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने 12 टीमों के साथ एसटीएफ टीम का भी गठन किया था। जिसके बाद पुलिस ने अभी तक7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। वही सोमवार देर रात हरिद्वार में पुलिस ने नानकमत्ता डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह का हत्यारोपी अमरजीत को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। देर रात हरिद्वार में ये मुठभेड़ हुई है। एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस की संयुक्त कार्यवाही में अमरजीत ढेर हुआ।
अमरजीत पर 16 से अधिक मामले दर्ज थे। वही दूसरा आरोपी फरार हो गया है।
आपको बता दें कि, सोमवार देर रात थाना भगवानपुर क्षेत्रांतर्गत चेकिंग अभियान के दौरान मोटरसाइकिल सवार दो संदिग्ध व्यक्तियों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की तभी दोनों भगवानपुर से कलियर की तरफ भागने लगे। पुलिस द्वारा इनका पीछा करने पर पुलिस टीम की बदमाशों से मुठभेड़ हुई। पुलिस से बचने के लिए आरोपियों ने फायरिंग कर दी। जवाबी हमले में एसटीएफ ने भी गोली चलाई। मुठभेड़ के दौरान आखिरकार एसटीएफ ने एक बदमाश को ढेर कर दिया जबकी दूसरा आरोपी फरार हो गया जिसकी तलाश जारी है। इस मुठभेड़ में एक बदमाश को गोली लगी जिसको सिविल अस्पताल रुड़की ले जाया गया। जहां डॉक्टरों द्वारा उक्त बदमाश को मृत घोषित कर दिया गया। जबकि मौके से भागे दूसरे बदमाश की तलाश जारी है। एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ अस्पताल जाकर मामले की जानकारी ली गई।
मृतक का नाम अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू पुत्र सुरेंद्र सिंह पता फतेहगढ़ चूड़ियां रोड नगली भट्ट अमृतसर जो उधमसिंह नगर के नानकमत्ता गुरुद्वारा के बाबा तरसेम सिंह की हत्या में वांछित था। पुलिस द्वारा अन्य आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। हरिद्वार में एसटीएफ और बदमाशों के बीच मुठभेड़ के बाद हरिद्वार जिले भर में सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।
नानकमत्ता के जत्थेदार तरसेम सिंह की हत्या में फरार चल रहे दो आरोपियों की तलाश में एसटीएफ जुटी थी। आधी रात को हरिद्वार भगवानपुर क्षेत्र में घेराबंदी हुई थी। जानकारी के अनुसार एसटीएफ बदमाशों का लगातार पीछा कर रही थी। और भगवानपुर क्षेत्र में हरिद्वार पुलिस के साथ मिलकर घेराबंदी की गई।
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार ने बताया कि, एक लाख रुपये का इनामी शूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू मारा गया, जबकि उसका साथी भाग गया। उन्होंने बताया कि बाबा की हत्या को उत्तराखंड पुलिस ने चुनौती के रूप में लिया था और लगातार एसटीएफ और पुलिस दोनों हत्यारों की तलाश कर रही थी। उत्तराखंड में ऐसे जघन्य अपराध करने पर पुलिस अपराधियों से सख्ती से निपटेगी।
दरअसल मामला हाई प्रोफाइल होने के यही वजह है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पूरे मामले का संज्ञान लिया था। और तत्काल प्रभाव से सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। जिसके बाद से उत्तराखंड एसटीएफ मामले में इंवॉल्व हो गई थी।