बीजिंग। चीन में कोविड-19 महामारी से होने वाली मौतों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि अब हालात काबू से बाहर होते नजर आ रहे हैं। चीन में अब कोरोना से हो रही मौतों के बाद लोगों के शवों को मस्जिदों और गोदामों में रखा जा रहा है। खबरों में कहा गया है कि बीजिंग में नीउ स्ट्रीट की मस्जिद का इस्तेमाल अब शवों को रखने के लिए किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर इससे जुड़े एक वीडियो में दिखाया गया है कि मस्जिद में हर तरफ मानव शव रखे हुए हैं। जबकि दूसरी कुछ खबरों में ये भी कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस से हुई मौतों के बाद लोगों को दफनाने के लिए कब्रिस्तानों में वेटिंग के चलते शवों को मस्जिदों में रखा गया है।
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो में दिखाया गया कि शवों को बीजिंग में निउ मस्जिद में रखा गया है और उनको दफनाए जाने का इंतजार है। ये भी कहा जा रहा है कि चीन में सरकार कोरोना से हो रही मौतों की असली संख्या को जाहिर नहीं कर रही है। लोगों को अधिकारियों के आंकड़े गलत लग रहे हैं और उन पर भरोसा नहीं किया जा रहा है। केवल इतना ही नहीं, चीन में कोरोना के कारण हो रही मौतों से हालात इतने भयावह हो गए हैं कि सूअरों का मांस रखने के लिए बने कोल्ड स्टोरेज में भी कोरोना मरीजों के शव रखे जा रहे हैं।
चीन में खुले में लाशों के ढेर को देखकर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के एक सचिव रो पड़े और उन्होंने इन शवों को अंतिम संस्कार होने तक गोदाम में रखने का आदेश दिया। यह कहा जा रहा है कि बीजिंग में सूअरों का मांस रखने के लिए बने औद्योगिक कोल्ड स्टोरेजों को शवों को रखने के लिए उपयोग किया जा रहा है। एक खबर के मुताबिक 15,000 शवों को युक्वैनिंग वेयरहाउस में रखा गया है। सोशल मीडिया में शेयर किए जा रहे तथाकथित लीक हुए सरकारी दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा जा रहा है कि चीन में जीरो कोविड नीति के कड़े नियमों को हटाने के बाद से केवल 20 दिनों में चीन में लगभग 25 करोड़ लोग कोविड-19 से संक्रमित हो सकते हैं।