अयोध्या। अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि परिसर में बन रहे भव्य मंदिर में भगवान रामलला की अचल प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसके लिए मूर्ति बनाने का काम बुधवार को शिला के पूजन-अर्चन से शुरू हो गया। रामसेवकपुरम में वेद विद्यालय के प्राचार्य पंडित इंद्रदेव मिश्र की अगुवाई में वैदिक मंत्रों के साथ पंडितों ने सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर कर्नाटक से आई श्याम शिला को रामलला की मूर्ति बनाने के लिए पूजन किया। अब इस शिला से रामलला की 52 इंच की अचल प्रतिमा बनेगी। जमीन से मूर्ति की कुल ऊंचाई करीब 8 फुट होगी। अभी अस्थायी मंदिर में रामलला और उनके भाइयों की जिन मूर्तियों की पूजा होती है, उनको मंदिर में उत्सव मूर्ति के तौर पर स्थापित किया जाएगा।
रामलला की अचल मूर्ति को कर्नाटक के 5 कारीगर तैयार करेंगे। रामलला की प्रतिमा बनने में करीब 5 महीने का वक्त लग सकता है। यानी इस साल अक्टूबर तक राम मंदिर में स्थापित होने वाली रामलला की मुख्य प्रतिमा बन जाएगी। बीते दिनों श्रीराम मंदिर बनवा रहे ट्रस्ट के प्रमुख और पूर्व आईएएस नृपेंद्र मिश्र ने बताया था कि इस साल 30 दिसंबर तक राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का पहला तल बन जाएगा। तभी भक्तों को इसमें रामलला के दर्शन की व्यवस्था की जाएगी। पहले खबर आई थी कि राम मंदिर को 15 जनवरी 2024 को संक्रांति के मौके पर भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।
अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के लिए राजस्थान के बंशी पहाड़पुर से गुलाबी पत्थर लाए गए हैं। अंदर संगमरमर लगाया जाएगा। कई निजी कंपनियां मिलकर राम मंदिर का निर्माण कर रही हैं। मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट ने साल 2019 में फैसला सुनाया था। इससे करीब 500 साल के विवाद का पटाक्षेप हुआ था। राम मंदिर को भव्य तरीके से बनाया जा रहा है और करीब 1000 साल तक मंदिर को खरोंच तक न आने का दावा किया जा रहा है।