प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन दिवसीय अमेरिका दौरे के लिए मंगलवार को भारत से रवाना हो गए हैं। इसी बीच एक प्रमुख अमेरिकी अखबार (‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ WSJ) में उनका इंटरव्यू प्रकाशित हुआ है जिसमें उन्होंने भारत-अमेरिका रिश्तों, चीन, रूस-यूक्रेन युद्ध समेत तमाम चीजों पर बात की है। पीएम ने कहा कि भारत संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान में विश्वास रखता है। ‘भारत किसी भी मतभेद और विवाद के कानूनी और शांतिपूर्ण हल का पक्षधर है लेकिन अपनी संप्रभुता और मान-सम्मान की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार और समर्पित भी है।’ पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के नेताओं में एक-दूसरे के प्रति अभूतपूर्व विश्वास पैदा हुआ है। भारत एक बड़ी और महती भूमिका निभाने की योग्यता रखता है। उन्होंने कहा कि ‘हम भारत को किसी अन्य देश के पिछलग्गू के रूप में नहीं देखते। हम भारत को दुनिया में उसकी सही जगह पाते देख रहे हैं।’
पीएम मोदी ने अमेरिकी अखबार से कहा कि ‘सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानूनों और देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। विवादों का हल ‘कूटनीति और बातचीत’ से होना चाहिए, युद्ध से नहीं।’ पीएम ने कहा कि ‘कुछ लोग कहते हैं कि हम तटस्थ हैं लेकिन हम तटस्थ नहीं हैं। हम शांति के पक्षधर हैं।’ उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को यकीन है कि भारत की प्राथमिकता शांति है। मोदी ने कहा कि भारत उन सभी जेनुइन कोशिशों का साथ देगा जो संघर्ष को खत्म कर शांति और स्थिरता ला सकती हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मैं आजाद भारत में जन्म लेने वाला पहला प्रधानमंत्री हूं और इसी वजह से मेरे सोचने का ढंग, मेरे काम करने का तरीका, मेरे कहने का अंदाज… सब पर मेरे देश के गुणों और परंपराओं का प्रभाव है। मुझे इसी से ताकत मिलती है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव की वकालत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ‘वर्तमान समस्या का मूल्यांकन होना चाहिए।’ और दुनिया से यह पूछा जाना चाहिए कि क्या वह भारत को वहां देखना चाहती है।