नई दिल्ली। अबू धाबी अमीरात की कार्यकारी परिषद के सदस्य शेख हमीद बिन जायेद अल नहयान तथा भारत वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दुबई में निवेश पर भारत-यूएई उच्च स्तरीय संयुक्त कार्यबल की आयोजित 9वीं बैठक की सह-अध्यक्षता की। बैठक में दोनों देशों के संबंधित सरकारी प्राधिकारियों तथा विभिन्न निवेश निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। संयुक्त कार्यबल की स्थापना यूएई तथा भारत के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख फोरम के रूप में 2013 में हुई थी जिसे जनवरी 2017 में दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक समझौते पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा अबू धाबी के क्राउन प्रिंस एवं यूएई सशस्त्र बलों के डिप्टी सुप्रीम कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान द्वारा हस्ताक्षर कर और मजबूत बनाया गया। संयुक्त कार्यबल की इस नौवीं बैठक में, दोनों पक्षों ने वैश्विक व्यापार तथा निवेश पर कोविड-19 महामारी के प्रभाव को नोट किया तथा दोनों देशों के बीच गहरे आर्थिक संबंधों को सुदृढ़ बनाने के महत्व को दुहराया। दोनों पक्षों ने इस कठिन अवधि के दौरान भारत और यूएई के बीच सहयोग को स्वीकार किया तथा अपने क्षेत्रों में महामारी से निपटने में दोनों देशों के नेतृत्वों की सराहना की। बैठक में अभी तक संयुक्त कार्यबल के कार्य के जरिये अर्जित सकारात्मक परिणामों की समीक्षा की गई तथा दोनों पक्षों ने आर्थिक विकास की संभावना के साथ पारस्परिक हित के क्षेत्रों में निवेश को सुगम बनाने के तरीकों की खोज जारी रखने पर सहमति जताई। बैठक के दौरान भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझीदारी समझौता के लिए वर्तमान में जारी चर्चाओं की प्रगति की समीक्षा की गई जो दोनों देशों के बीच व्यापार तथा निवेश को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय तथा दूरगामी कदम होगा। इस संबंध में, दोनों पक्षों ने एक संतुलित समझौते की दिशा में चर्चा में तेजी लाने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की जो द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में और गहराई लाएगा तथा दोनों देशों की अर्थव्यवस्थों को लाभ पहुंचाएगा। प्रतिभागियों ने यूएई तथा भारत की लंबे समय से चली आ रही द्विपक्षीय निवेश संधि में संशोधन के लिए चल रहे प्रयासों पर भी विचार किया तथा वार्ता प्रक्रिया को शीघ्रता से संपन्न करने के महत्व को दर्ज किया। बैठक के दौरान, भारत में प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में यूएई सॉवरेन निवेश निकायों से और अधिक निवेश को सुगम बनाने के लिए परस्पर लाभदायक पद्धतियों एवं प्रोत्साहनों की खोज करने पर भी विचार विमर्श किया गया। इस संदर्भ में भारत सरकार द्वारा उठाये गए सकारात्मक कदमों को नोट किया गया तथा दोनों पक्षों ने यूएई की कुछ सॉवरेन निवेश निकायों को कर प्रोत्साहन उपलब्ध कराने के तरीकों पर फोकस जारी रखने पर सहमति जताई। विरासत के मुद्दों तथा भारत में यूएई कंपनियों तथा बैंकों द्वारा अनुभव की गई कठिनाइयों दोनों के त्वरित समाधान में भारत की राष्ट्रीय निवेश संवर्धन एजेंसी इन्वेस्ट इंडिया के भीतर यूएई स्पेशल डेस्क से सक्रिय भागीदारी के महत्व पर चर्चा की गई। भारतीय पक्ष ने भी यूएई में भारतीय निवेशकों द्वारा सामना किए जा रहे लंबे समय से चले आ रहे कुछ मुद्दों को रेखांकित किया। दोनों पक्षों ने इन मुद्दों के शीघ्र समाधान के लिए सर्वोच्च आधिकारिक स्तर पर समन्वयन तथा सहयोग जारी रखने पर सहमति जताई। द्विपक्षीय संबंधों तथा दोनों देशों के नागरिक के बीच संपर्क को सुगम बनाने में हवाई परिवहन के महत्व को देखते हुए, दोनों पक्षों ने सहमति जताई कि उनके संबंधित नागरिक उड्डयन प्राधिकारियों को परस्पर लाभ के लिए तथा यह सुनिश्चित करने के लिए कि दोनों देशों के बीच वायु परिवहन प्रचालन को तेजी से सामान्य बनाया जा सके, प्राथमिकता के आधार पर एक साथ मिल कर काम करना जारी रखना चाहिए।
Smita Chouhan
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