नई दिल्ली. हरियाणा कांग्रेस की कलह एक बार फिर दिल्ली पहुंच गई है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दीपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को तलब कर कहा है कि राज्य में पीसीसी डेलीगेट्स के चयन में कोई नेता दबाव न डाले. गौरतलब है की कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में यही डेलीगेट वोट डालते हैं और हरियाणा के नाराज़ नेताओं के मुताबिक ज्यादातर डेलीगेट्स पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की पसंद के लोग बनाए गए हैं.
राज्य के लगभग सभी नेताओं ने केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री से दिल्ली दफ्तर में मिलकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की शिकायत की. उन्होंने कहा कि ज्यादातर पीसीसी डेलीगेट हुड्डा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने लोगों को बनवा लिया है. पीसीसी डेलीगेट ही कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में वोट डालते हैं. लिहाजा इन नेताओं ने अपने समर्थकों को डेलीगेट बनवाने की पैरवी की है.
शिकायत करने वालों में महासचिव रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी, कुमारी सेलजा शामिल हैं. इन नेताओं ने मधुसूदन मिस्त्री से मिलकर कहा की हरियाणा में कांग्रेस किसी एक नेता की जागीर नहीं दिखनी चाहिए. इसलिए डेलीगेट्स की लिस्ट में सबके समर्थक होने चाहिए. इन नेताओं ने मिस्त्री से कहा सबके समर्थकों को डेलीगेट बनाना चाहिए और ये देखना आपका काम है की लिस्ट में किसी एक नेता का प्रभाव नहीं हो.
ये नेता मिस्त्री से मिलने के बाद बोले की कांग्रेस को हरियाणा में हुड्डा कांग्रेस नहीं बनने देंगे. बात सोनिया गांधी तक पहुंची थी और उसी के बाद सोनिया गांधी ने हस्तक्षेप किया. अब PRO को निर्देश दिया गया है की सभी नेताओं को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए. सोमवार को पार्टी के निर्देश पर होने वाली बैठक टाली गई जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष को प्रदेश अध्यक्ष और एआईसीसी मेंबर्स नॉमिनेट करने का अधिकार देने संबंधी प्रस्ताव पास करना था.
राजस्थान, बिहार सहित कई राज्य ये प्रस्ताव पास कर चुके और 20 तारीख तक सबको प्रस्ताव पास करना है. हरियाणा में 19 की जगह अब 20 को बैठक बुलाई जाएगी. सोनिया गांधी ने मिस्त्री से बात करने के बाद मामले का संज्ञान लेकर दीपेंद्र हुडा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को तलब किया था. सोमवार को दीपेंद्र हुड्डा और उदयभान ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कहा हरियाणा में एक ही कैंप है, सोनिया गांधी का कैंप.