देश का पहला वेटलैंड आसन कंजर्वेशन रिजर्व प्रवासी पक्षियों की चहचहाहट और जलीय जैव विविधता के फलने फूलने के साथ अब युवा (18 वर्ष) हो गया है। वर्ष 2005 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने वेटलैंड का लोकार्पण किया था। तब से साल दर साल यहां प्रवासी पक्षियों की संख्या में इजाफा होता चला गया।
यहां अक्तूबर से मार्च के बीच 250 प्रजातियों के पांच से छह हजार प्रवासी पक्षी हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर प्रवास के लिए पहुंचते हैं। साइबेरियन पक्षियों को आसन झील खूब भाती है। यह बर्ड वॉचिंग के शौकीनों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। हर साल करीब 40 से 50 हजार पर्यटक यहां पक्षियों के दीदार के लिए आते हैं। नवंबर के अंतिम सप्ताह में प्रवासी पक्षियों की जबरदस्त आमद से वेटलैंड अपने शबाब पर होता है। रुडी शेलडक (सुखार्ब), ब्लैक आइबीज, वूली नेक्टड, पेंटेड स्टार्क, पलास फिश ईगल, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेब, ग्रे लेग गूज, गैडवाल, लिटिल ग्रेब, डारटर, लिटिल कोरमोरेंट, लिटिल इ ग्रेट, ग्रेट इ ग्रेट, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन, कामन किंगफिशर, व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर, पार्च्ड किंगफिशर, इरोशियन विजन, मैलार्ड, स्पाट बिल्ड डक, कामन पोचार्ड, टफ्ड डक, पर्पल स्वेप हेन, कामन मोरहेन, कामन कूट, ब्लैक विंग्ड स्टिल्ट, रीवर लोपविंग, ब्लैक हेडेड गल, पलास फिश ईगल, इरोशियन मार्क हेरियर आदि प्रवासी पक्षी यहां पहुंचते हैं। आसन झील वर्ष 1967 में बनाई गई थी। आसन कंजर्वेशन रिजर्व 444 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। यह वेटलैंड (आर्द्र भूमि) है। यहां क्षेत्र पूरे वर्ष भर नम रहता है। आसन झील की पानी क्षमता 25 हजार क्यूसेक है। इसकी अपनी खास जैव विविधता होती है। यह जगह साइबेरियन पक्षियों को खूब भाती है। पक्षी और पर्यावरण प्रेमी भी वेटलैंड काे खूब पसंद करते हैं।