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गुजरात दंगों पर बनी विवादित डॉक्यूमेंट्री का थमा नही है बवाल, बीबीसी की फंडिग और इन देशों के खिलाफ एजेंडा चलाने के लिए पहले भी उठे है सवाल

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गुजरात दंगों पर बनी विवादित डॉक्यूमेंट्री का थमा नही है बवाल, बीबीसी की फंडिग और इन देशों के खिलाफ एजेंडा चलाने के लिए पहले भी उठे है सवाल

by Smita Chouhan
February 14, 2023
in Politics, India
गुजरात दंगों पर बनी विवादित डॉक्यूमेंट्री का थमा नही है बवाल, बीबीसी की फंडिग और इन देशों के खिलाफ एजेंडा चलाने के लिए पहले भी उठे है सवाल
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गुजरात दंगों पर विवादित डॉक्यूमेंट्री बनाए जाने के बाद का बवाल अभी पूरी तरह थमा नहीं था कि उसके एजेंडे और फंडिंंग को लेकर सवाल उठने लगे. इस बीच दिल्ली स्थित हेड ऑफिस और मुंबई ऑफिस पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रेड मारी है. आयकर विभाग की टीम दिल्ली और मुंबई स्थित ऑफिस में सर्वे करने के लिए पहुंची है.

बीबीसी पर भारत समेत तीसरी दुनिया के देशों के खिलाफ एजेंडा चलाने के आरोप लगते रहे हैं और ऐसे में इसकी फंडिंग को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं. आइए समझने की कोशिश करते हैं, बीबीसी कैसे काम करती है, इसका संचालन कैसे होता है और कंपनी को चलाने के लिए इतना सारा पैसा आखिर कहां से आता है.

बीबीसी की शुरुआत
बीबीसी यानी ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कंपनी की स्थापना अक्टूबर, 1922 में एक प्राइवेट संस्था के तौर पर हुई. पहले इसमें केवल ब्रिटिश मेकर्स को शेयर रखने की अनुमति थी. शुरुआत में इंडस्ट्री में पैर जमाने के लिए कंपनी को काफी संघर्ष करना पड़ा. 1926 की आम हड़ताल के दौरान इसके अच्छे दिन शुरू हुए, जब इस संकट के कवरेज को ब्रिटिश नागरिकों ने खूब सराहा.

उसी वर्ष एक संसद समिति ने इसके लिए सिफारिश की. कहा कि इस निजी कंपनी को एक सार्वजनिक क्षेत्र क्राउन-चार्टर्ड संगठन के रूप में रिप्लेस किया जाना चाहिए. इस सिफारिश ने बीबीसी को संसद के प्रति जवाबदेह तो बना दिया लेकिन यह अपनी एक्टिविटीज को लेकर हमेशा स्वायत्तता और स्वतंत्रता का मजा लेती रही.

कैसे काम करती है बीबीसी?
बीबीसी का संचालन रॉयल चार्टर के तहत होता है. यह ब्रिटेन में सत्ता द्वारा दिए गए इनकाॅरपोरेशन का एक साधन है, जो इसके लिए गृह सचिव से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य बनाता है. इस चार्टर को हर 10 साल में रिन्यू करना होता है. रिपोर्ट्स के अनुसार मौजूदा चार्टर 31 दिसंबर, 2027 तक के लिए वैध है.

इस चार्टर में प्रसारण कंपनी के उद्देश्य दर्ज हैं, जिसमें कहा गया है कि बीबीसी को ब्रिटेन के सभी हिस्सों और व्यापक दुनिया के लोगों की समझ बनाने के लिए विधिवत सटीक और निष्पक्ष समाचार, करंट अफेयर्स और तथ्यात्मक प्रोग्रामिंग प्रदान करनी चाहिए.

कौन है बीबीसी का मालिक?
कंपनी को बीबीसी ट्रस्ट, इसके एग्जीक्यूटिव बोर्ड और सरकार द्वारा अप्रूव्ड रेगुलेटरी अथाॅरिटी रेगुलेट करती थी, जिसे ऑफकैम कहा जाता है. हालांकि 2016 में एक स्वतंत्र समीक्षा के बाद ट्रस्ट में कमियां पाते हुए इसे डिजॉल्व कर दिया गया. कंपनी को संचालित करने के लिए तब एक बीबीसी बोर्ड की स्थापना की गई थी, जबकि ऑफकैम की एकमात्र जिम्मेदारी इसे रेगुलेट करने की रही. वर्तमान में कार्यकारी बोर्ड ही इसके कामधाम की देखरेख करता है.
अपनीएनुअल रिपोर्ट में बीबीसी ने बताया था कि ट्रस्ट से कार्यकारी मंडल अलग है और महानिदेशक पद पर बैठा व्यक्ति इसका संचालन करता है. इसके प्रोग्राम्स के डिस्ट्रीब्यूशन की कमांड भी उनके हाथों में है.

बीबीसी की फंडिंग
बीबीसी की ज्यादातर फंडिंग एनुअल फीस से आती है, जो लाइव टेलीविजन प्रसारण प्राप्त करने या रिकॉर्ड करने के लिए इक्विपमेंट्स के साथ ब्रिटिश संस्थाओं से लिया जाता है. इसके अलावा इसे अपनी व्यावसायिक सहायक कंपनियों बीबीसी स्टूडियोवर्क्स और बीबीसी स्टूडियोज से भी अच्छा खासा रेवेन्यू मिलता है. पिछले साल (2022 में) BBC को तब बड़ा झटका लगा, जब ब्रिटिश सरकार ने अगले दो वर्षों के लिए एनुअल टेलीविजन फीस पर रोक लगाने की घोषणा की. सरकार ने यह भी कहा कि 2027 तक वह फीस को पूरी तरह खत्म कर देगी.

द गार्जियन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, “बीबीसी को 3.2 बिलियन पाउंड यानी करीब 32 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा (3,22,24,95,25,760) राशि मिलती रहेगी.” रिपोर्ट में बताया गया है कि बढ़ती मुद्रास्फीति, कंपीटिशन और ओटीटी से मिल रही चुनौतियों के चलते कार्यक्रम बनाने की कॉस्ट तेजी से बढ़ रही है. इसके राजस्व का बड़ा हिस्सा बीबीसी स्टूडियो (बीबीसी वर्ल्डवाइड) से आता है, जो इसके प्रोग्राम्स और सर्विसेस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेचता है. बीबीसी समाचार सेवा, वर्ल्ड न्यूज और डिजिटल की रिपोर्ट्स के डिस्ट्रीब्यूशन से भी इसे अच्छी खासी कमाई होती है.

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