दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली मेयर चुनाव को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई टाल दी। आम आदमी पार्टी और उनकी मेयर उम्मीदवार शैली ओबरॉय की ओर याचिका दायर का दिल्ली के उपराज्यपाल के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें मनोनीत सदस्यों को मेयर और डिप्टी-मेयर के चुनाव में मतदान करने की मंजूरी दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मेयर चुनाव से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से कहा कि मनोनीत सदस्य दिल्ली नगर निगम के मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं। संविधान में यह बात साफ है। इस बीच दिल्ली के उपराज्यपाल के कार्यालय ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह 16 फरवरी को होने वाले महापौर चुनाव को 17 फरवरी के बाद की तारीख तक के लिए टाल देगा।
आम आदमी पार्टी ने ईस्ट पटेल नगर की पार्षद डॉ. शैली ओबेरॉय को मेयर पद के लिए उम्मीदवार बनाया है। वहीं, भाजपा ने से शालीमार बाग-बी वॉर्ड की पार्षद रेखा गुप्ता उम्मीदवार बनाया है।दिल्ली में पिछले साल सात दिसंबर को एमसीडी के चुनाव नतीजे आए थे, लेकिन दो महीने बाद भी मेयर नहीं मिल सका। चुनाव के लिए तीन बार अलग-अलग तारीखें तय की गईं, लेकिन तीनों बार चुनाव हंगामे की भेंट चढ़ गया। अब मामला देश की सुप्रीम कोर्ट में है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की मेयर उम्मीदवार डॉ. शैली ओबरॉय ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल विनय सक्सेना व अन्य लोगों को नोटिस जारी कर मनोनीत सदस्यों के मताधिकार पर जवाब मांगा था।