उत्तराखंड में साल 2023 की चारधाम यात्रा समापन की ओर बढ़ चली है। इसकी शुरुआत मंगलवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के साथ हो चुकी है यमुनोत्री धाम और विश्व विख्यात केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज के पर्व पर बुधवार को बंद होंगे। दोनों धाम में कपाट बंद करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
इस साल बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु धाम पहुंचे। अब इस साल का यात्रा सीजन संपन्न हो रहा है. बुधवार को केदारनाथ यात्रा संपन्न हो जाएगी। इसके साथ ही केदारनाथ के कपाट बंद हो जाएंगे। केदारनाथ के कपाट बुधवार 15 नवंबर को सुबह 8 बजे बंद होंगे। केदारनाथ धाम में कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार छह माह के लिए समाधि में लीन हो जाएंगे। कपाट बंद होने की पूरी तैयारियां केदारनाथ धाम में हो गई हैं. बाबा केदार की चांदी की पंचमुखी डोली केदारनाथ के भंडारण गृह से मंदिर के गर्भगृह में पहुंच गई है। इसी डोली में बाबा केदार की भोग मूर्ति अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ आयेगी। भैयादूज के पावन पर्व पर पौराणिक परंपराओं और विधि-विधान के अनुसार बाबा केदार के कपाट शीतकाल के छह माह के लिये बंद कर दिये जाएंगे। कपाट बंद होने के बाद आगामी छह माह तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होगी. इस बार केदारनाथ धाम की यात्रा ऐतिहासिक रही है। अब तक रिकार्ड 19 लाख 55 हजार से अधिक भक्त बाबा केदार के दरबार में पहुंचे हैं। इस बार ज्यादातर मौसम खराब रहा। बावजूद इसके श्रद्धालुओं के केदारनाथ पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। बरसात के समय में भी लाखों की संख्या में भक्त केदारनाथ पहुंचे। केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा कि केदारनाथ धाम के कपाट हर वर्ष शीतकाल के लिए भैयादूज पर्व पर बंद किये जाते हैं। कपाट बंद होने के बाद बाबा केदारनाथ की डोली विभिन्न पड़ावों से होकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी।