लंबित मांगों को बीते चार दिन से धरने पर उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम के कर्मचारी आज मांगों को लेकर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के आवास का घेराव करने पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उपनल कर्मियों को रोकने की कोशिश की, जिसके चलते पुलिस और कर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हुई। भारी संख्या में मंत्री का आवास कूच करने पहुंचे उपनल कर्मियों को पूर्व सीएम हरीश रावत भी समर्थन देने पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा, वर्ष 2021 में सरकार ने उनके मसले के निपटारे को लेकर तीन कैबिनेट मंत्रियों की एक उप समिति गठित की थी।
समिति सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है, लेकिन इस रिपोर्ट को लागू नहीं किया गया। कर्मचारियों ने कहा, अपर मुख्य सचिव के 18 जुलाई 2023 के शासनादेश को भी रद्द किया जाए और किसी भी कर्मचारी की सेवा समाप्त न की जाए। उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चे के प्रदेश संयोजक विनोद गोदियाल ने कहा, पिछले कई वर्षों से विभिन्न विभागों में कार्यरत उपनल कर्मचारियों के पदों को सृजित पदों के विपरीत बताते हुए कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की जा रही हैं, जो उनके साथ अन्याय है। कहा कि शासन की ओर से पूर्व में इस तरह के कर्मचारियों को न हटाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन इस पर अमल नहीं किया गया। उन्होंने कहा, उपनल कर्मचारियों के पदों को अधिसंख्यक घोषित किया जाए। मोर्चे के सहसंयोजक प्रमोद गुसाईं ने कहा, विभागीय मंत्री गणेश जोशी और सचिव दीपेंद्र चौधरी ने विधान सभा सत्र के दौरान लंबित मांगों के निपटारे का आश्वास दिया था लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं किया।