मोरक्को… वो नाम जो हर फुटबॉल प्रेमियों के दिमाग में छाया हुआ है. हो भी क्यों ना… इस टीम ने कतर में चल रहे फीफा वर्ल्ड कप 2022 में ऐसा प्रदर्शन किया है कि दुनिया देखती रह गई है. 22वें नंबर की टीम मोरक्को मौजूदा वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है. क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मोरक्को ने क्रिस्टियानो रोनाल्डो की टीम पुर्तगाल को 1-0 से रौंद दिया. अब सेमीफाइनल में मोरक्को का सामना मौजूदा चैम्पियन फ्रांस से होना है.
मोरक्को की कामयाबी उसके खिलाड़ियों की दिन-रात की मेहनत का नतीजा है. लगभग 3.67 करोड़ की जनसंख्या वाले इस छोटे से अफ्रीकी देश के सेमीफाइनल स्टेज में पहुंचने की शायद ही किसी फुटबॉल विशेषज्ञ ने भविष्यवाणी की होगी. इसके पीछे की वजह भी थी क्योंकि मोरक्को इस वर्ल्ड कप से पहले सेमीफाइनल तो दूर… कभी क्वार्टर फाइनल में भी नहीं पहुंच पाई थी. अब भविष्यवाणियों को झुठलाते हुए मोरक्को फुटबॉल वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जगह बनाने वाला पहला अफ्रीकी देश बन चुका है. देखें तो मोरक्को से पहले कैमरून (1990), सेनेगल (2002) और घाना (2010) ने क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी.
नए कोच ने बदल दी है किस्मत
मोरक्को के काफी लोग फ्रांस, स्पेन, नीदरलैंड जैसे देशों में बसे हुए हैं. लेकिन जब अपने मुल्क के लिए खेलने की बारी आती है तो कोई पीछे नहीं हटता है. मौजूदा टीम के भी कई सितारे- हाकिम जिएच, सोफियान बाउफल, रोमेन सैस, अशरफ हकीमी और यासिन बोनो या तो विदेशों में पैदा हुए या फिलहाल विदेशी लीगों में खेलते हैं. वैसे ये खिलाड़ी मोरक्को के लिए कई बड़े टूर्नामेंट्स में भाग ले चुके थे लेकिन इससे पहले उनका प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा था. अब मौजूदा वर्ल्ड कप में इनके प्रदर्शन में अचानक से काफी निखार आ चुका है. खिलाड़ियों के इस बदलाव में टीम के कोच वालिद रेगरागुई की भी अहम भूमिका निभाई है जिन्होंने चंद महीनों में ही टीम की किस्मत पलट दी. वालिद रेगरागुई को इसी साल अगस्त में टीम का कोच नियुक्त किया गया था.