नई दिल्ली। संसद में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी और बीएसपी सांसद दानिश अली के बीच हुए विवाद में एक नया मोड़ आ गया है। इस मामले में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का कहना है कि बसपा सांसद दानिश अली ने बीजेपी एमपी रमेश बिधूड़ी को भड़काया था। निशिकांत दुबे ने दावा किया है कि दानिश अली ने नीच को नीच नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे? जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था। भाजपा सांसद दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने उक्त चर्चा के दौरान विभिन्न सदस्यों द्वारा दिए गए बयानों की जांच करने के लिए एक जांच समिति बनाने की मांग की है। इसके साथ ही यह भी जांच करने की मांग की है कि हमारे संविधान के अनुच्छेद 105 का आश्रय लेते हुए अपनी टिप्पणियों के माध्यम से हमारे नागरिकों को भड़काने में संसद के विभिन्न सदस्य किस हद तक दोषी हैं।
निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से को लिखे पत्र में कहा है कि रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली के खिलाफ कुछ बेहद आपत्तिजनक शब्द कहे हैं, जिसकी मैं एक जिम्मेदार जन प्रतिनिधि के रूप में निंदा करना चाहता हूं। उन्होंने आगे लिखा है कि दानिश अली ने माइक्रोफोन की उपलब्धता के बावजूद अपनी पूरी शक्ति खर्च करके हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक और निंदनीय टिप्पणी की थी। यदि सांसद बिधूड़ी ने अनुचित कार्य किया है, तो मेरे विचार से, दानिश अली अली सहित अन्य माननीय सदस्यों ने भी समुदायों के बीच शत्रुता फैलाने में योगदान दिया है।